तुम्हे याद यूँ करते हैं
कि बाँतें भूल तुम्हारी बात करते हैं
तस्वीरे जहन मे यूँ आती हैं
कि तुम्हे फिर झरोखे से ढूँढने लगे हैं
तुम्हे सोचते हैं तो इतने करीब होते हैं
कि इक छुवन से बिखरे टू करे दिल के सिमट जाते हैं
यूँ लबों के बोले स्पर्श से
दिल के फूल महक उठते हैं
तुम्हे कभी कभी महसूस भी करते हैं
कि इन पन्नो को छोर तुम्हे ढूँढ़ते हैं
यूँ तन्हा है जिंदगी कि खुद से बेखबर हैं
कि बस इक तेरा साथ नहीं है