कुछ सपने थे,जिन्हें भुला दिया
कुछ बातें थी,जिन पर रो बैठे हम
कुछ लम्हे थे,जिन्होंने रुला दिया
इक जिन्दगी थी ,जिसे छोर चले हम
इक जिंदगानी थी ,जिसे दफना दिया
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